शक्श
कुछ शब्द अगर में कह पाता कभी
तो कहता उस शक्श के बारे में
टेढ़ी मेढ़ी है जिसकी चाल
वक़्त की जिसने ओढ़ी है एक शाल |
बड़ी भुजाओं वाला एक अजीब सा शक्श है वो
मुछों में शान , चेहरे पे सम्मान
दिल में अजीब सा बांध है
मजबूत और विशाल है |
शौर्य है और धैर्य भी है
चट्टान सा मजबूत जज्बा भी है
कुछ सपने है और कुछ अपने भी है
पर फिर भी वो एक अरसे से अकेला ही है |
कुछ शब्द अगर में कह पाता कभी
तो कहता उस शक्श के बारे में
टेढ़ी मेढ़ी है जिसकी चाल
वक़्त की जिसने ओढ़ी है एक शाल |
कन्धों पे जिम्मेदारी की जंजीर है
पर चलता भागता वही एक वीर है
रोजमर्रा की भागदौड़ से लड़ता वो ही एक धीर है |
अजीब सा ही है वो शक्श
पति है, पिता है, भाई है, दोस्त है और बेटा भी है
अजीब सा ही है वो शक्श
अनगिनत परेशानियों से घिरा वही एक शूरवीर है |
कुछ शब्द अगर में कह पाता कभी
तो कहता उस शक्श के बारे में
टेढ़ी मेढ़ी है जिसकी चाल
वक़्त की जिसने ओढ़ी है एक शाल |
very nice and we wish every man is like this and aims to be such!
Thanks 🙂 I’ve always believed that a man is made to be like this. That is his part and role to play in the society.
hope every man thinks such!